राजीव गांधी कैंसर संस्थान का कहना है कि मुंह का कैंसर (Oral Cancer) पर इलाज हो सकता है। अगर हम सावधानी बरतें तो इसे रोका जा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि भारत में 70 फीसदी लोग लास्ट स्टेज पर डॉक्टर के पास जाते हैं , फिर इलाज करने मे कठीनाई हो सकती है l
मुंह का कैंसर तब होता है जब शरीर में आनुवंशिक परिवर्तन के कारण कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। जैसे-जैसे ये कोशिकाएं बढ़ती हैं, वे एक ट्यूमर बनाती हैं। समय के साथ, ये कोशिकाएं शरीर के अन्य भागों में फैल जाती हैं। स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (squamous cell carcinoma) लगभग 90 प्रतिशत मुंह के कैंसर का स्रोत है।
शुरुआती दौर में मुंह के कैंसर के लक्षण नजर नहीं आते। धूम्रपान करने वालों और भारी शराब पीने वालों को नियमित रूप से दंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए। क्योंकि तंबाकू और शराब मुंह के कैंसर के जोखिम कारक हैं। दंत चिकित्सक प्रारंभिक अवस्था में लक्षणों का पता लगा सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कैंसर है तो यहां बताए गए लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए।
मुह के कैंसर के लक्षण (Symptoms of Oral Cancer)
- मुंह या जीभ की परत पर धब्बे
- मुंह के छाले
- बढ़े हुए या गाढ़े मसूड़े (swollen or thickened gums)
- ढीले दांत
- मुंह से खून बहना
- कान में दर्द
- जबड़े में सूजन
- गला खराब होना
- चबाने या निगलने में कठिनाई
- मुंह में सफेदी (whiteness in the mouth)
- गले में एक गांठ ( lump in the throat)
- मुंह में लाल धब्बे दिखाई देते हैं
यह लक्षणों में से किसी का भी यह मतलब नहीं है कि आपको मुंह का कैंसर है, लेकिन फिर भी आपको यह सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए।
मुह के कैंसर का इलाज (Treatment of Oral Cancer)
सर्जरी – ट्यूमर (Tumor) और आसपास के ऊतक के एक हिस्से को हटाने के लिए डॉक्टर सर्जरी कर सकते हैं। इस सर्जरी में जीभ और जबड़े की हड्डी का हिस्सा निकाल दिया जाता है।
रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy) – इस थैरेपी का इस्तेमाल तभी किया जाता है जब कैंसर तीसरी स्टेज में पहुंच जाता है।
कीमोथैरेपी (Chemotherapy) – इस थैरेपी में दवाएं दी जाती हैं। ये दवाएं कैंसर कोशिकाओं को मारती हैं।
अगर हम सावधानी बरतें तो इसे रोका जा सकता है। अगर कोई भी लक्षण दिखाई दे या फिर आपको तंबाखू , धुम्रपान की आदत हो तो डॉक्टरों सेटेस्ट करके कर्करोग को रोक सकते है l
डॉ. सुमित शाह – प्रोलाइफ कैंसर सेंटर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट
डॉ. सुमित शाह प्रोलाइफ कैंसर सेंटर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (Prolife Cancer Centre and Research Institute)के संस्थापक हैं। इस सेंटर में एक ही छत के नीचे सभी आधुनिक कैंसर का इलाज किया जाता है। डॉ.शाह पुणे के कुछ ऑन्कोलॉजिस्टों में से एक हैं, जिनके पास सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में यह मान्यता प्राप्त डिग्री है। वह मुख्य सलाहकार, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और लेप्रोस्कोपिक सर्जन (Surgical Oncologist and Laproscopic Surgeon)हैं। उन्होंने कैंसर सेंटर वेलफेयर होम से सुपर स्पेशियलिटी कोर्स किया है। सुमित शाह ने 20000 से अधिक कैंसर रोगियों का इलाज किया है। उन्हें आउटगोइंग कैंसर सर्जन के रूप में सम्मानित किया गया है।
डॉ. सुमित शाह: डीएनबी (सामान्य सर्जरी), डीएनबी (सर्जिकल ऑन्कोलॉजी) लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी में फैलोशिप कि है।